" जले पर नमक मत छिड़को ...और यही काम त्रिवेदी के विवादास्पद कार्टून ने किया है ,सरकार जब अपने ही कर्मो से चारो\तरफ से फसी हुई है उसी वक़्त त्रिवेदी ने ये कार्टून बनाया और लोगो के सामने रख दिया |"
" कार्टून को अगर गौर से देखा जाए तो कार्टून बेजुबान होकर भी बहुत कुछ कहे रहा है जो इस देश मे हो रहा है उसे कार्टून कहे रहा है सबसे पहले तो " सत्य मेव जयते" तभी होता है जब देश का कानून अपना काम बिना किसी के दबाव मे आकर करता है मगर ये बात हम सब के सामने है की कानून वही करता है जो सरकार चाहती है वरना देश मे हुवे घोटालो के आरोपी कानून के सलाखों के पीछे होते, क्या अब भी आप कहोगे की "सत्य मेव जयते "? क्या इस देश मे ऐसा कुछ रहा है जिस से आप कहे सको की "सत्य मेव जयते " ? हमारे देश का कानून सच मे अंधा कानून है क्यू की उसकी आंखो पर पट्टी है और वो देखता है तो सिर्फ सरकार की नजरों से |"
" आखिर क्यू हर वो इंसान को जो सच बोल रहा है उसे दबाया जाता है कानून के जरिये ? क्यू उन्हे आज़ादी दी जाती है जो इस देश को बेरहमी से लूटते है ? सोचिए और बताइये क्या कानून काम कर रहा है अगर आपकी नजर से कर रहा है तो आप कहिए "सत्य मेव जयते " मगर एक सवाल का जवाब दो " इस देश के सेंकड़ों लोगो को सरेआम कत्ल करनेवाले " कसाब " जैसे को क्यू बचा रहा है कानून ? क्या केमेरे मे कैद अंधा धुंध गोलिया चलाता हुवा "कसाब "दिखाई नहीं देता है कानून को ? "
" लोमड़ी जैसी सरकार इस्तेमाल कर रही है देश के कानून का ऐसे मे कानून से भला उम्मीद रखना कितना योग्य है ...मजबूर लोगो को कानून के हाथो पिटवाना और कसाब जैसे लोगो को कानून का रक्षण देना क्या वाजिब है ? यही तो कर रही है सरकार ....भारतीय रेल के टॉइलेट पेपर पर भी सरकार ने ही अशोक चक्र लगाया है तो क्या रेल मंत्री गुनहगार नहीं है कानून की नजरों से ? "
" रेल मंत्री को इस देश का कानून कभी देश द्रोही कहे भी नहीं सकता है क्यू की सरकार के वो माननीय मंत्री है और संविधान ही उनके हाथो मे है जो संविधान का अपमान भी कर सकते है मगर देश के नागरिक के पास क्या है ? तो "आम आदमी" का दर्जा जो महेंगाइ की मार ही खा सकता है सिर्फ .....कुछ बोल नहीं सकता | "
" कार्टून को अगर गौर से देखा जाए तो कार्टून बेजुबान होकर भी बहुत कुछ कहे रहा है जो इस देश मे हो रहा है उसे कार्टून कहे रहा है सबसे पहले तो " सत्य मेव जयते" तभी होता है जब देश का कानून अपना काम बिना किसी के दबाव मे आकर करता है मगर ये बात हम सब के सामने है की कानून वही करता है जो सरकार चाहती है वरना देश मे हुवे घोटालो के आरोपी कानून के सलाखों के पीछे होते, क्या अब भी आप कहोगे की "सत्य मेव जयते "? क्या इस देश मे ऐसा कुछ रहा है जिस से आप कहे सको की "सत्य मेव जयते " ? हमारे देश का कानून सच मे अंधा कानून है क्यू की उसकी आंखो पर पट्टी है और वो देखता है तो सिर्फ सरकार की नजरों से |"
" आखिर क्यू हर वो इंसान को जो सच बोल रहा है उसे दबाया जाता है कानून के जरिये ? क्यू उन्हे आज़ादी दी जाती है जो इस देश को बेरहमी से लूटते है ? सोचिए और बताइये क्या कानून काम कर रहा है अगर आपकी नजर से कर रहा है तो आप कहिए "सत्य मेव जयते " मगर एक सवाल का जवाब दो " इस देश के सेंकड़ों लोगो को सरेआम कत्ल करनेवाले " कसाब " जैसे को क्यू बचा रहा है कानून ? क्या केमेरे मे कैद अंधा धुंध गोलिया चलाता हुवा "कसाब "दिखाई नहीं देता है कानून को ? "
" लोमड़ी जैसी सरकार इस्तेमाल कर रही है देश के कानून का ऐसे मे कानून से भला उम्मीद रखना कितना योग्य है ...मजबूर लोगो को कानून के हाथो पिटवाना और कसाब जैसे लोगो को कानून का रक्षण देना क्या वाजिब है ? यही तो कर रही है सरकार ....भारतीय रेल के टॉइलेट पेपर पर भी सरकार ने ही अशोक चक्र लगाया है तो क्या रेल मंत्री गुनहगार नहीं है कानून की नजरों से ? "
" रेल मंत्री को इस देश का कानून कभी देश द्रोही कहे भी नहीं सकता है क्यू की सरकार के वो माननीय मंत्री है और संविधान ही उनके हाथो मे है जो संविधान का अपमान भी कर सकते है मगर देश के नागरिक के पास क्या है ? तो "आम आदमी" का दर्जा जो महेंगाइ की मार ही खा सकता है सिर्फ .....कुछ बोल नहीं सकता | "
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