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" तू पुछ सकता है क्यों की तुझे हक है ,बुझदिलो को आज भी अपने जमीर पर शक है ।"

आपका सवाल क्या है ? सरकार देगी अब जवाब


  "इस आलेख को पढने के बाद आप ही बताये की प्रधानमंत्री जी को ख़त लिखना चाहिए या नहीं ? चित्र में दिखाई दे रहा है बिलकुल वैसी हालत है देश की, अब सोचने का वक़्त आ गया है की जिस देश का "चलन " आम आदमी जैसा फटे हाल हो क्या वो देश भला कभी महासत्ता बन सकता है ? अगर नहीं तो भला क्यों दिखा रहे है हमारे नेतागन हमें वो झूठे सपने ? "

" आमआदमी के इस चलन को भी " भ्रस्टाचार" के  दीमक ने ही खाया है जैसे आज हर कोई नेता खासकर "यु पी ए" के नेता देश को कुतर कुतर कर खा रहे है "सी डब्ल्यू जी", "२ जी ", "बोफोर्स ",और अब ये "कोयला " ये लिस्ट तो बहुत ही लम्बी है मगर जिस तरह इस लम्बी लिस्ट के वजन में आम आदमी की आवाज़ को दबाया गया है बिलकुल उसी तरह ही देश के इस "चलन "को भी दबाया गया है क्यों की सायद ये आमआदमी का चलन है ,इस नोट को देखो इसका हाल भी वही है जैसे इस देश के आमआदमी का हाल है |"

" देश का सबसे बेहतरीन अर्थशास्त्री जब प्रधान मंत्री बनता है तो भला देश के चलन का यूंह फटे हाल होना शोभा नहीं देता है क्या प्रधान मंत्री के पास वक्त नहीं है ? "
" टुटा है यहाँ देश का रेटिंग ,बढ़ते है यहाँ घोटाले ,बढ़ती है यहाँ महेंगाई ...बढ़ती है यहाँ भूख .... मगर फिर भी ये सरकार कहेती है बार बार की "हो रहा है भारत निर्माण " ..सोचिये क्या इसी तरह से होता है " भारत निर्माण " ?अगर इसी तरह से भारत निर्माण होगा तो एक दिन भारत में आमिर उधोगपतियों की बंजर मिले और तवंगर नेता ही मिलेंगे ..आम आदमी मिलेगा लेकिन समशान में जलती हुई चिता के रूप में |"

" आज ये ५ का नोट जो आम आदमी का है वो चीख कर कहे रहा है की क्या करू दोस्तों तुम्हारे नेता के पास मेरी फटी किस्मत की और देखने का समय भी नहीं है .... तो क्या इस मद्दे को ख़त के रूप में प्रधानमंत्री तक पहुँचाया जाये या नहीं ..क्यों ये भी तो एक समश्या ही है | "

" आपके सुजाव हमें दे ..हम वादा करते है की ये मुद्दा हम प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे ही ..सिर्फ आप सच्चे दिल से एक नजर कीजिये इस फटी हुई ५ की नोट की तरफ और दीजिये अपनी बेबाक राय ...आओ बनाये एक नया भारत और सिर्फ भ्रष्टाचार में मस्त नेता को बताये देश का असली हाल ...याद रहे ये काम अकेले से नहीं होता है ये मै भी जनता हु और आप भी जानते है ...तो मिलकर करेने में भला क्या हर्ज है | "

" आपके सुजावो को पढने के बाद आपके सुजाव में से कुछ मुद्दे उठाकर ख़त लिखा जायेगा ..और लिखे हुवे ख़त को यहाँ पर पोस्ट भी किया जायेगा ...तो बनिए निडर और दीजिये अपनी बेबाक राय ..ये आम आदमी का सवाल है कहेकर  ....|"

जय हिंद ...जय हिंद ...जय हिंद
वन्दे मातरम ...वन्दे मातरम
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अगला मुद्दा जल्द ही आपके सामने रखा जायेगा और वो है "आर टी आई "कानून की कमियाँ "
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जल्द आ रही है पोस्ट

चुनाव आयोग गुनहगार है

" क्यू कहा चुनाव आयोग गुनहगार है ? ये आप खुद ही पढ़िएगा इस ब्लॉग मे आनेवाली अगली पोस्ट मे ..... अगर आपके पास इस पोस्ट के बारे मे है कोई सुजाव तो हमे लिख भेजिये "

- आम आदमी

संविधान आखिर हम पर ही क्यू ?

कौन जानता है की इस देश का संविधान क्या है ? नेता लोग हमे ही संविधान की दुहाई देते है क्या इस देश का संविधान सिर्फ आम आदमी के लिए ही है ? नेता के लिए नहीं ?

why this ?

देश के चलन में शहीदों की जगह "क्रोस" का निशान क्यों ? अपने मंत्रियो से पूछिए की उन्होंने ५ साल में आपके लिए क्या किया ? क्यों की ये नेता " समाज सेवा " भूल गए है तो सिर्फ हमारी नींद की वजह से ... आप पूछ सकते है आप दाता है ..आप मालिक है इस देश के ..पूछिये